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Title
अनुपम वर्मा Anupam Verma कवि Poet
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English
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संवेदना
किसी अनजानी राह पर चल निकला हूं विचारों के मंथन में उलझा हूं कोशिश करता चला आ हा हूं दिलों में अहसास को जगाने की संवेदनाओं को जोड़ने की चाहता हूं मानव की ससम्मान वापसी इस दुनिया से शायद इसलिए अंत्येष्ठि-स्थल को देना चाहता हूं एक रूप मंदिर का जानता हूं जैसे-जैसे जुड़ती चली जायेंगी संवेदनाएं हमारी मरण भी त्यौहार होगा, सांस का सत्कार होगा हमारी कल्पना का मंदिर स्वर्ग सा संसार होगा...।